What is the reason for land subsidence in Joshimath, India?
What is the reason for land subsidence in Joshimath, India?
क्या है भारत जोशीमठ स्थित जमीन धंसने का कारण
जोशीमठ आसपास तपोभूमि में में जमीने धंसने का मुख्य कारण कारण मिल गया है जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे कहते हैं ना अति हर चीज की बुरी होती है यही कहावत यहां पर भी सिद्ध हो रही है
मनुष्य की अति लालसा अति चाह कभी-कभी दुष्परिणाम को जन्म देती है, इसी का कारण है कि जोशीमठ में जमीन धंसने धरती के कारण अपने मकानों में दरारे पडने, धरती कांपने की समस्याएं उत्पन्न हो रही है। इन सभी के पीछे मनुष्य द्वारा किए जा रहे विकास कार्य है, जी हां विकास कार्यों में निरंतर गति प्रगति जिसे हम विकास कहते हैं, विज्ञान का चमत्कार कहते हैं, इन सभी के कारण आज हम तपोभूमि में भूकंप आने की घटना, जमीन में दरारें पड़ने की घटना, जमीन धंसने की बातें सुन रहे हैं।
What is the reason for land subsidence in Joshimath, India?
इस बात का खुलासा रतलाम के जाने-माने व्यवसाई अनिल झालानी जो कि भारत संयोजक है भारत संयोजक अनिल झालानी ने आज से डेढ़ से 2 वर्ष पूर्व यह चेतावनी दी थी । भारत सरकार के मुख्य विभागों को भी चेतावनी पत्र के मार्फत अवगत कराया था। किंतु सरकार ने इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया, इन सभी का कारण है कि आज तपोभूमि, जोशीमठ, उत्तराखंड आदि स्थानों पर जमीन खिसकने और मकानों में दरार पड़ने साथ ही भूकंप जैसी घटनाएं बहुतायात में हो रही है, जिससे मानव जीवन पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
पूरे भारतवर्ष में जोशीमठ, उत्तराखंड में जमीन धंसने की आशंका मकानों में दरार पड़ने, और भुकम्प की खबरें आज पूरे भारत में चर्चा का विषय बनी हुई है। कहां जा रहा है कि इस क्षेत्र में बनाई जा रही टनल और सड़क जैसे अन्य निर्माण कार्यों के लिए की गई अंधाधुन खुदाई इसकी मुख्य वजह है। जिससे कि जोशीमठ, उत्तराखंड के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।
सचिव भारत संयोजक अनिल झालानी ने इस दुर्घटना को डेढ़ वर्ष पूर्व ही जान लिया था। इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री समेत अनेक केंद्रीय मंत्रियों को एक पत्र भेज कर प्रेषित किया गया था
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अनिल झालानी मुख्यतहः मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के रहने वाले हैं, वे व्यवसायी व राजनीति में निरंतर अपनी सक्रियाता रखते हैं।
अनिल झालानी ने अपने स्वामित्व सुखाय अभियान की आठवीं कड़ी में बताया कि , उत्तराखंड के चार धामों को ऑल वेदर फोर लेन रोड से जोड़ने और इस हिमालइन क्षेत्र में रेल लाइन डालने की योजना प्रारंभ की थी, उसी समय उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को संबंधित विभागों के मंत्रियों को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि इस प्रकार के निर्माण कार्य हिमालयीन व्यवस्था को गड़बड़ा देंगे।
किन्तु इस ओर किसी भी मंत्री ने ध्यान नहि दिया यहा तक कि नीतिन गडकरी जी जो परिवहन मंत्री है उन्हे भी इस बात की जानकारी दी थी। जो पत्र सलग्न है।
श्री झालानी ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया था कि हिमालय पर्वत कच्ची मिट्टी और तीव्र ढलान वाले हैं, इन पर्वतों को थोड़ा काटने पर वर्षा काल में भूस्खलन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। इस क्षेत्र में फोरलेन, रेलवे लाइन, पहाड़ों का कटाव से भूस्खलन की समस्याएं बढ़ जाएगी।
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