October 18, 2021/ अक्टूबर 2021 को वाल्मीकि जयंती है “2021 is special Valmiki Jayanti” महर्षि वाल्मीकि ने रामायण लिखी थी और हमारे बीच उनकी पहचान इसी रूप में है उनकी जयंति पर हर साल देश के अलग अलग हिस्सों में सामाजिक और धार्मिक आयोजन किए जाते हैं ।
वाल्मीकि समाज के मानने वालो में इस दिन विशेष उत्साह देखने को मिलता है।
Valmiki Jayanti : हिंदुओं के बेहद महत्वपूर्ण धर्मग्रंथ रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती न केवल वाल्मीकि समाज के लिए बल्कि सभी के लिए एक बेहद अहम पर्व है महर्षि वाल्मीकि का जन्म अश्विन मास के पूर्णिमा तिथि के दिन माना जाता है लिहाजा हर साल इस तिथि को वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है इस साल यानि साल 2021 में अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक ये दिन 20 अक्टूबर को पड़ रहा है महर्षि वाल्मीकि की जयंती के अवसर पर हर साल देश के अलग.अलग हिस्सों में सामाजिक और धार्मिक आयोजन किए जाते हैं.
वाल्मीकि जयंती का महत्व
Valmiki Jayanti : महर्षि वाल्मीकि के जन्म को लेकर कई अलग.अलग मान्यताएं प्रचलित हैं माना जाता है कि उनका जन्म महर्षि कश्यप और देवी अदिति के 9वें पुत्र वरुण और उनकी पत्नी चर्षिणी से हुआ था ये भी माना जाता है कि महर्षि वाल्मीकि ने ही इस दुनिया में पहले श्लोक की रचना की थी पौराणिक आख्यानों की मानें तो जब भगवान श्रीराम ने माता सीता का त्याग कर दिया था तब माता सीता ने महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में जाकर निवास किया था.
महर्षि वाल्मीकि से जुड़ा इतिहास
Valmiki Jayanti : पौराणिक कथाओं के मुताबिक महर्षि वाल्मीकि का नाम रत्नाकर था और वे डाकू थे बाद में जब उन्हें इस बात का ज्ञान हुआ कि वे गलत राह पर हैं तब उन्होंने उस रास्ते को छोड़ दिया देवर्षि नारद ने उन्हें राम नाम जपने की सलाह दी वे राम नाम में इस कदर लीन हो गए कि एक तपस्वी के रूप में ध्यान करने लग गए मान्यता है कि उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उन्हें ज्ञान का भंडार दिया जिसके बाद उन्होंने रामायण लिखी
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