UP, A State Full of Diversities in Terms of Crime, 21st century

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UP, a state full of diversities in terms of crime

क्राईम के मामले में उ.प्र. विविधताओं से भरा प्रदेश

UP, a state full of diversities in terms of crime

INDIA Uttar Pradesh. Rajesh WasanWal

क्राईम के मामले में #UP विविधताओं से भरा प्रदेश

भारत/उत्तर प्रदेश/ देश में क्राईम के मामले में विविधताओं से भरा प्रदेश की संज्ञा दी जा सकती है।

#UP या यूं कहे भारत देश में जितने क्राईम को करने वाले युपी में कही अन्य प्रदेश में शायद नहीं होगें यह से जितने मामले नये रूप में देखने को मिलते है वह शायद ही अन्य प्रदेशों में कभी मिले हों।

#UP में चाहे जो भी मामला हो एक अलग तरह से क्राईम को अंजाम दिया जाता है ऐसा क्यों, आखीर ऐसा क्यों होता है कि यूपी में बडे बडे बाहुबली जो आज भी 21वीं सदी में अपने आप को किसी राजा महाराजा से कम नहीं समझते।

वाराणासी से नया मामला जाॅच में दोषी पाए गए होम गार्ड कमांडेंट मनीष दुबे, आलोक मोर्य ने दी थी काॅल रिकार्डिंग।

डीजी होमगार्ड के यहा शिकायत करने के बाद यह मामला पूरे देश में फेल गया।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारीयों कर रही गई पत्नियों के शपथ पत्र भी वायरल हुए। जो यह कह रही थी कि अधिकारी बन भी गयीं तो अपने पति को नहीं छोडेगी।

दुसरा मामला बरेली में तैनात पीसीएस अधिकारी ज्योति मोर्य के पति द्वारा लगाए गए होमगार्ड मनीष दुबे पर आरोप सही पाए गए है।

UP, A State Full of Diversities in Terms of Crime

इसके पुर्व शायद आप सभी देश के नागरीकों को पता है अतीक अहमद व उसका पुरा परिवार कैसे गुण्डागर्दी से पुरे यूपी में आतंक मचा रहा था जिसका अब अंत हो चुका है।

सवाल यही होतो है कि आखीर क्यों, ऐसा क्यों होता है? आखीर छोटी मोटी, धमकी, मारपीट पर देश की पुलिस क्यों नही जागती? आखीर क्यों प्रशासन समय रहते नहीं जागता? खुले आम मारपीट करने वालो पर. धमकी देने वालो पर. किसी की वस्तुए. भूमि. सम्पति हडपने के मामले में आखरी क्यों प्रशासन चुप्पी साध बैठे रहता है?

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इसके संबंध में जनता से भला कोई नहीं जानता या युं कह सकते है कि  जिस पर यह जुल्म होता है वह इसे अच्छी व भंली प्रकार से जानता है। क्यों अपराध करने वाला पनप रहा है इस बात को प्रताडित समझता है वह यह भी जानता है इन सब के पिछे किसका हाथ है।

बावजूद इसके कोई कूछ नहीं करता, पूलिस प्रशासन भी जानता है अपराध किसने किया, क्यों किया, कब किया, कई बार तो यहा तक की यह भी जानता है कि अपराध कब होने वाला है, फिर भी दोषी कौन होता है, #प्रताडित

युपी में कई तीर्थ स्थल है हिन्दु मुस्लिम व अन्य प्रकार के भांती भांती के जाति समाज के नागरीक निवास करते है किन्तु कोई जाति के नाम पर अपराध करता है, तो कोई समाज के नाम पर, तो कोई एक दुसरे को नीचा दिखाने के नाम पर, कोई चाहता है ज्यादा पैसा इकठठा कर लूं , तो कोई चाहता है सबकी जमिन, भूमि, मकान, सम्पति हडप लूं कोई चाहता है किसी की पत्नि को अपना बना लू, तो कोई चाहता है किसी की बेटी को पत्नि माॅ बहन को उठा ले जाउं, अगवा कर लूं आखिर यह कब तक चलेगा?

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आखीर क्यों? ऐसा कानुन नहीं बनता कि गलत व अपराध करने वाले को पहली बार में ही ऐसा कानुन का पाठ पढाया जावे की, हिमाकत कोई दूसरा नहीं कर सके। हिंसा करने को कई आतुर रहते है । आपने देखा कि बंगाल में चुनाव हो रहे है कई स्थानों पर हिंसा करने वालो ने मतपेटी लुट ली, कईयोें ने मारपीट की कई स्थानों पर आगजनी कर दी कई स्थानों पर सार्वजनीक सम्पति को नुकसान पहूचाया आखरी क्यों।

उत्तर प्रदेश गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कुछ समय पहले बताया था कि मोस्ट वांटेड सूची में नए नाम जोड़े गए हैं, जिनमें मेरठ के रहने वाले विजेंद्र सिंह हुड्डा का नाम भी शामिल था। जिसकी गिरफ्तारी पर 5 लाख का इनाम है। अधिकारियों ने बताया कि वह एनसीआर के 4000 करोड रुपए के कुख्यात बाइक बांट घोटाले का मुख्य आरोपी है, इसी के साथ दीप्ति बहल जीस पर रू5 का इनाम वांछित है।

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रियल एस्टेट फर्म के मालिक रशीद नसीम का भी नाम है जिसमें निवेशकों को फ्लैट प्लाट और मकान देने का वादा करके लगभग 350 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की।

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उत्तर प्रदेश में प्रमोटरों के खिलाफ राज्य भर में लगभग 290 मामले लंबित है जिन पर रू 5 लाख का इनाम घोषित है। वाराणसी से विश्वास नेपाली, सुनील यादव, मनीष, अजीम, अहमद, रू50000 का इनाम है। कई अंडरवर्ल्ड से जुड़े हुए हैं।
कानपुर के सउद अख्तर की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने पर ₹100000 के इनाम की घोषणा की गई थी उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर नेटवर्क बहुत बड़ा वो काफी विस्तृत इन सभी को देखते हुए माना जा रहा है

बस सवालों पर सवाल उठते है किन्तु हल नहीं नीकलता, सरकार को हो रहे अपराधों के विरूद्ध कडे कदम उठाते हुवे कानुन में भी संसोधन करने होंगे तभी जाकर अपराध, हिंसा, बलात्कार, लुट, मारपीट, गोलाबारी ।

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