The shadow of bombs in Kabul

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काबुल बार-बार बम बारूद के धमाकों से दहल रहा है राकेट लांचर,बम गोले,बारूद का खेल मानो आम हो गया है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल एक बार फिर धमाकों की गूंज से सहम उठी है।
राष्ट्रपति भवन पर गिरा राकेट
काबुल के आम लोगो के जीवन में कब मौत बनकर कहर बरपा दे कुछ कह नहीं सकते मंगलवार सुबह काबुल में राष्ट्रपति भवन पर हुए रॉकेट हमले ने सबके रौंगटे खड़े कर दिए। यह हमला उस वक्त हुआ, जब राष्ट्रपति अशरफ गनी बकरीद की नमाज में हिस्सा ले रहे थे।
आतंक सर चढ बोल रहा
अमरिकी सेना अफगानिस्तान से क्या हटी आतंक सर चढ बोल रहा है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से तालिबान का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल एक बार फिर धमाकों की गूंज से सहम उठी है। मंगलवार सुबह काबुल में राष्ट्रपति भवन पर हुए रॉकेट हमले ने सबके रौंगटे खड़े कर दिए। यह हमला उस वक्त हुआ, जब राष्ट्रपति अशरफ गनी बकरीद की नमाज में हिस्सा ले रहे थे।
अफगानिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार यह हमला सुबह 8 बजे के करीब हुआ। जिस जगह हुआ, वहां से राष्ट्रपति भवन बेहद करीब है। इस हमले को लेकर माना जा रहा है कि हमले का निशाना अफगानिस्तान में के राष्ट्रपति अशरफ गनी हो सकते थे।

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