Thetimesofcapital/10/01/2022/मकर संक्रांति 2022 सुर्य देव होंगे उत्तरायण Surya Dev will be Uttarayan: Makar Sankranti 2022
मकर संक्रांति का क्या है महत्व जानिये
मकर संक्रांति का पूर्व काल से महत्व चला आ रहा है हिन्दू मान्यताओं के आधार पर इस दिन दान धर्म करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है ऐसी मान्यता है। मकर संक्रांति से सुर्य देवता अपना गमन उत्तर दिशा की ओर करते है।
धर्म मान्यता अनुसार हिन्दू धर्म के रिती रिवाजों अनुसार गुड तिल्ली के लडडू बनाये जाते है, खिचडी भी बनाई जाती है, दान धर्म किया जाता है।
सुर्य देव होंगे उत्तरायण: मकर संक्रांति 2022 मकर संक्रांति के दिन का शायद आपको इस सबंध में पता नही होगा कि भीष्मपितामह ने इसी दिन अपनी देह का त्याग किया था भीष्मपितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान था।
मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी इस दिन सूर्य देव राशि परिवर्तन करके मकर राशि में गोचर करेंगे ज्योतिष के अनुसार सूर्य का राशि परिवर्तन बहुत खास होता है। सूर्य को सभी राशियों का राजा भी माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य के गोचर से जहां खरमास खत्म हो जाएगा वहीं वसंत ऋतु के आगमन का भी संकेत है। सभी शुभ कार्य करने के मुहूर्र्त की भी शुरूआत हो जाती है।
मुहूर्त मकर संक्रांति 2022
सुर्य देव होंगे उत्तरायण: मकर संक्रांति 2022 मकर संक्रांति का पुण्यकाल मुहूर्त सूर्य के संक्रांति समय से 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल होता है। इस बार पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगा जो शाम को 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इसमें स्नान दान जाप कर सकते हैं। वहीं स्थिर लग्न यानि समझें तो महापुण्य काल मुहूर्त 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसके बाद दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से 3 बजकर 28 मिनट तक मुहूर्त रहेगा
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