Thetimesofcapital/18/04/2022/ India/ Bharat/ New Dehli/ संत शिरोमणि सेन जयंती: भारत देश में 2022 से 500 साल पूर्व मध्यप्रदेश के बान्धवगढ में एक महान संत सेन महाराज का अवतार हुआ था
संत शिरोमणि सेन जयंती: जानिये 2022 कैसे,कब मनाये संत शिरोमणि सेन जयंती 2022
भारत देश में संत शिरोमणि सेन जी की जयंती इस वर्ष 2022 को मनाई जावेगी।
सेन जयंती पर सेन महाराज के अनुयायी सेन महाराज की जयंती पर भव्य समारोह जुलूस आदी का आयोजन करते है। सेन समाजजन एकत्र होकर सेन महाराज की पूजा अर्चना भी करते है। सेन महाराज को मानने वाले काफी अधिक संख्या में है।
“संत शिरोमणि सेन जयंती” सेन महाराज के जन्म को लेकर अलग अलग मान्यता भी है माना जाता है कि सेन महाराज का जन्म मध्यप्रदेश के बान्धवगढ में माना जाता है।
यह भी माना जाता है कि सेन महाराज का बचपन का नाम नंदा रखा गया था। यह बचपन से ही दयालु व विनम्र एंव ईश्वर में पूर्ण विश्वास करने वाले थे।
संत शिरोमणि सेन महाराज का बचपन “संत शिरोमणि सेन जयंती”
संत शिरोमणि सेन महाराज के पिता का नाम श्री मुकन्द राय जी व माता का नाम जीवनी एवं पत्नि का का नाम सुलखनी बताया जाता है। आपने 1440 ईस्वी में अपनी देह का त्याग कर दिया यह माना जाता है।
किसके थे उपासक “#संत #शिरोमणि #सेनजयंती”
संत शिरोमणि सेन महाराज श्रीराम सीता और हनुमान जी की उपासना करते थे और उन्हे भजनों का गुणगान भी किया करते थे।
आपने श्री रामानन्द जी से दीक्षा ग्रहण कि थी व ज्ञान प्राप्त किया था। आपके द्वारा मानवजाती को सत्य व भेदभाव से उपर उठकर जीने की राह बताई सम भाव का संदेश दिया।
सेन महाराज एक महान संत थे जीन्होने समाज का सही दिशा दी उनके मानने वाले उनकी पूजा अर्चना कर आर्शिवाद लेते है उनके बताये नक्क्षे कदम पर चलते है उनके गुणगान करते है।
सेन महाराज को सेन समुदाय बहूतायात मे मानता है पूजा करता है। भारत में महान संतो को हमेशा भगवान की तरह ही पूजा जाता है। उनके उपदेशों को जीवन में अपनाया जाता है उनके बताये उपदेश के आधार पर शिक्षा ली जाती हैै। उनके बताये अनुसार जीवन जीने का प्रयास किया जाता है।
आपने समाज में व्याप्त बुराईयों को मिटाने का भी कार्य किया गया है। भारत देश वैसे महान संतों की तपोभूमि कहॉ जाता है जीसमें आप भी एक महान संत थे जीन्हे हमेशा पूजा जावेगा।
“#संत #शिरोमणि #सेन #जयंती 2022” आपने काशी दौरे के दौरान संत रविदास जी से भी भेंट की आपके द्वारा शास्त्रार्थ कर यह सिद्ध कर दिया कि कोई भी मनुष्य जाति में कोई बडा या छोटा नही होता।
सेन महाराज ने सम्पूर्ण जाति को ब्रहम ज्योति का स्वरूप बताया तथा मानवता के प्रति सेवा भाव प्रेम दया प्रेम भक्ति स्नेह सत्य की राह ईश्वर की भक्ति की राह पर चलकर भगवान को प्राप्त करना चाहते थे।
आप सभी जाति समुदाय के लोगो को एक समान मानते थे न कि किसी को छोटा या किसी को बडा
आप श्री संत का अंतिम समय काशी में माना जाता है। आपका मोक्ष विक्रम संवत 1440 को माना जाता है।
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