Per Drop More Crop Slogan Pradhan Mantri Irrigation Scheme
Per Drop More Crop Slogan Pradhan Mantri Irrigation Scheme
पर ड्राप मोर ड्राप स्लोगन प्रधानमंत्री सिंचाई योजना
ड्रीप सेट स्थापनाओं से 1650 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्मित हुई
रतलाम 20 अप्रैल 2023/ प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत पर ड्राप मोर ड्राप स्लोगन के साथ रतलाम जिले में ड्रीप सेट स्थापनाओं से 1650 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्मित की गई है।
Per Drop More Crop Slogan Pradhan Mantri Irrigation Scheme
उपसंचालक कृषि श्री विजय चौरसिया ने बताया कि सिंचाई क्षमता को बढाने हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत जिले को वित्तीय वर्ष 2022-23 में 260 हेक्टेयर ड्रीप यूनिट स्थापना एवं स्प्रिंकलर सेट के लक्ष्य प्राप्त हुए थे जिसमें 5000 कृषकों द्वारा सिंचाई यंत्र आनलाईन पोर्टल पर पंजीयन कराया गया जिसमें लाटरी उपरांत 260 हेक्टेयर ड्रीप यूनिट स्थापना एवं 644 स्प्रिंकलर सेट के प्रकरण जिले के लिए अनुमोदित किए गए हैं।
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शासन द्वारा ड्रीप यूनिट स्थापना एवं स्प्रिंकलर पर लघु एवं सीमांत कृषकों को 55 प्रतिशत एवं बडे कृषकों को 45 प्रतिशत अधिकतम पांच हेक्टेयर तक अनुदान देने का प्रावधान किया है। जिले में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 247 ड्रीप सेट पर कुल अनुदान राशि 241.71 लाख एवं 611 स्प्रिंकलर सेट (फव्वारा) पर कुल अनुदान राशि रुपए 88 लाख का भुगतान किया गया है।
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उक्त ड्रीप सेट स्थापना से लगभग 700 हेक्टेयर एवं स्प्रिंकलर सेट से 950 हेक्टेयर कुल 1650 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र में वृद्धि हुई है। किसानों को फ्लड (बहाव) सिंचाई करने पर 1 लाख लीटर प्रति हेक्टेयर पानी की आवश्यकता होती है जबकि ड्रीप सिंचाई करने पर 40 हजार लीटर प्रति हेक्टेयर पानी ही लगता है जिसमें फ्लड सिंचाई की तुलना में लगभग 60 हजार लीटर प्रति हेक्टेयर पानी की बचत कृषकों को ड्रीप सिंचाई से होती है तो कृषक डेढ गुना अधिक क्षेत्र में सिंचाई कर सकता है। साथ ही स्प्रिंकलर (फव्वारा) सिंचाई करने से भी पानी की बचत होती है।
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पानी की बचत के साथ-साथ फसल की गुणवत्ता व उत्पादकता में भी वृद्धि होकर लागत में कमी आती है तथा श्रम साधन की भी बचत होती है एवं उबड-खाबड जमीन पर भी सिंचाई करना संभव होती है। कीट एवं व्याधियों तथा खर पतवारों का प्रकोप भी कम होने से कृषकों के कीटों एवं खर पतवारी के प्रबंधन करने पर कम व्यय करना पडता है। इस वर्ष कुल 2600 हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा ड्रीप एवं स्प्रिंकलर के माध्यम से जिले में बढाई गई है।
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