Thetimesofcapital/29/04/2022/ Ratlam Desk News/ Pandit Pradeep Mishra Ki Katha, पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा ने रतलाम में तोडे भारत के सभी रिकार्ड उमडा जन सैलाब हैरान हो गये पंडित प्रदीप मिश्रा
रतलाम में #पंडितप्रदीपमिश्रा द्वारा #वैशाखी #शिवमहापुराण #कथा का आज सातवा दिन व समापन का अवसर था।
Pandit Pradeep Mishra Ki Katha, रतलाम में तोडे भारत के सभी रिकार्ड, हैरान हो गये पंडित मिश्रा
Pandit Pradeep Mishra Ki Katha, पंडित प्रदीप मिश्रा रतलाम में वैशाखी शिवमहापुराण कथा को सुनाने आये हुए है पंडित प्रदीप मिश्रा रतलाम की धर्मप्रेमी जनता का अथाह जन सैलाब देख कर हैरान रह गये।
पंडित प्रदीप मिश्रा अन्य शहरो की तुलना करते हुए कह गये कि यहॉ पर धर्म के प्रति जो भाव देखे है वह भारत में कही और देखने को नही मिले रतलाम की धर्मप्रेमी श्रद्धा भाव सेवा भाव वाली जनता के आगे मै हैरान हूॅ और धन्यवाद देता हूॅ कि ऐसा ही बना रहे यहॉ की जनता की सेवा भाव को देखकर अभिभूत हो गया हूॅ भारत में कही ऐसा नही देखा ना ही इतनी संख्या में कथा सुनने वाले ही देखे जो इस भीषण गर्मी की परवाह किये दौडे आते है और आगे अपना स्थान सुनिश्चित कर लेते है।
Pandit Pradeep Mishra Ki Katha आगे की खबरों व समाचार के लिये बने रहे द टाईम्स ऑफ केपिटल न्यूज डॉट कॉम के साथ
देखे विडियों :–
देखे विडियों पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा बहूत ही सुंदर भजन भोले नाथ दया करना मैं तेरे भरोसे हूॅ ………………… गाकर भक्तो का भोले की मस्ती भक्ति में झूमने को मजबूर कर दिया भक्त अपने दोनो हाथ उठाकर भजन को गाने लगे
Pandit Pradeep Mishra Ki Katha:watch vedio, All the records of India were broken in Ratlam, there was an influx of people, Pandit Mishra was surprised,
Pandit Pradeep Mishra Ki Katha, पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा ने रतलाम में तोडे भारत के सभी रिकार्ड, उमडा जन सैलाब, हैरान हो गये पंडित प्रदीप मिश्रा
रतलाम के धर्म इतिहास में धर्म गंगा में स्नान करने इतना व्यापक जन सैलाब कभी नहीं उमड़ा जितना पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा में देखा है जबकि रतलाम को धर्म की नगरी कहते हैं और यहाँ देश के प्रख्यात संत,महंत,मंडलेश्वर,सूरीश्वर,महिश्वर,नगेश्वर,योगी,यति मुनि और दंडी स्वामी निरन्तर आते रहते हैं।
इतना जन सैलाब तो एक समय सर्वाधिक लोकप्रिय और जन जन में दीक्षा प्रभाव बढ़ाने वाले आसाराम जी और मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू, वेदज्ञ अवधेशानन्द जी ,भागवताचार्य डोंगरे महाराज, योगी रामदेव और ग्रामांचल में अति प्रशंसित कमलकिशोर जी नागर के प्रवचन में भी नहीं देखा गया।
यह भी लोक धारणा है कि कोई संत या प्रवचनकार प्रसिद्ध भले ही बाहर से होकर आता है, लेकिन सिद्ध केवल रतलाम में आकर ही होता है। रतलाम की महिमा है कि कोई तीर्थ,शक्तिपीठ और ज्योतिर्लिंग नहीं होने के बावजूद यहाँ के वास्तु में धर्म का मस्तक विद्यमान है।
धर्म की विजय का आह्वान कहीं से भी हुआ हो लेकिन धर्म की अजर अमरता का कीर्तन रतलाम से ही आगे बढ़ा है।
पंडित प्रदीप मिश्रा का कार्यक्रम भूतों न भविष्यति मैं तो यही कहूंगा समय का भी तकाजा है, धर्म के प्रति महाजाग्रति आना ही चाहिए। निराश, हताश और धर्म को लगभग विस्मृत किए लोगों में धर्म की उत्प्रेरणा आना ही चाहिए। मंदिरों के सन्नाटे खत्म हुई देखकर आंख भर आती है, मगर अब ये जागे हुए लोग सोए नहीं। लगे रहे शिवार्चन में, धर्मअनुकरण में, सनातन धर्म की जय जयकार के लिए अपना तन, मन, धन समर्पित करें।
फारवर्ड अन्य
हरिसिंह गौड एडवोकेट