Thetimesofcapital/20/01/2022/ मॉ सरस्वती नदी धरा पर बहेगी बैठक सम्पन्न
Maa Saraswati river will flow on the earth, the meeting will be completed
हिमाचल प्रदेश के सहयोग से जिंदा होगी वैदिक नदी मॉ सरस्वती
हिमाचल प्रदेश/ पांच दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री जयराम की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में एमओयू पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी मिली थी। शुक्रवार को पंचकूला में राज्य लोक निर्माण विभाग सभागार में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होंगे।
मॉ सरस्वती नदी धरा पर: हम और आपने मॉ सरस्वती नदी का मात्र पौराणिक कथाओं में पढा समझा है किन्तु अब यह सच होने वाला है हिमाचल प्रदेश सरकार इस पर अएओयू ला रहा है जिससे मॉ सरस्वती नदी को धरा पर बहते हुए उसके निर्मल जल की कल कल धाराओं को बहता देख सकते है।
पुनर्जीवित होगी मॉ सरस्वती नदी
मॉ सरस्वती नदी धरा पर: अब सरस्वती नदी केवल वैदिक मंत्रों या पौराणिक पुस्तकों में ही नहीं बल्कि धरातल पर नजर आएगी। देवभूमि हिमाचल के सहयोग से इसे पुनर्जीवित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शुक्रवार को हिमाचल सरकार की ओर से पंचकूला में समझौता ज्ञापन एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे।
यह कैसे होगा?
Maa Saraswati river will flow on the earth, the meeting will be completed
मॉ सरस्वती नदी धरा पर: बात करें नदी के पुनर्जीवित होने की तो इसके लिये हरियाणा में आदि बद्री बांध बन रहा है। इस बांध के बन जाने से इसका पानी लुप्तप्राय मॉ सरस्वती नदी में पानी छोड़ा जाएगा। इसके लिए सिरमौर सीमा पर बांध बनाने को हिमाचल सरकार जमीन दे रहा है।
#मॉ @सरस्वती #नदी #धरा पर: पांच दिसंबर को मुख्यमंत्री जयराम की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एमओयू पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी मिली।
हरियाणा और हिमाचल सीमा पर बांध बनाने की योजना
शुक्रवार को पंचकूला के सेक्टर.एक में राज्य लोक निर्माण विभाग के सभागार में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का यह कार्यक्रम ढाई बजे के बाद होगा। हरियाणा और हिमाचल सीमा पर बांध बनाने की योजना पर वर्ष 2018 से काम चल रहा है।
बांध निर्माण से क्या होगा इससे फायदा?
- ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बांध निर्माण से लेकर प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए सड़क पुल आदि निर्माण योजनाओं पर जो भी खर्च होगा उसे केंद्र और हरियाणा सरकार वहन करेगी।
- बांध निर्माण से हरियाणा और हिमाचल के कई क्षेत्रों में बाढ़ से भी निजात मिलेगी।
- बांध स्थल में 77 हेक्टेयर क्षेत्र हिमाचल का आ रहा है जबकि हरियाणा में करीब 11 हेक्टेयर है।
- इसके बनने से प्रदेश की लगभग तीन हजार की आबादी पर असर पड़ेगा।
- इनके चरागाह स्थल बांध के जलक्षेत्र में आएंगे।
- जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने बांध बनाने के लिए सर्वे का काम लगभग पूरा कर दिया है।
देव पूजा में मॉ सरस्वती नदी का उच्चारण आह्वान का होता है
मॉ सरस्वती नदी धरा पर: हिमाचल प्रदेश में देवी-देवताओें की पूजा के दौरान पानी के कलश में गंगा यमुना गोदावरी नर्मदा सिंधु और कावेरी पार्वती श्रीप्रा आदी नदियों के साथ सरस्वती नदी का भी आह्वान होता है। वैदिक और पौराणिक रीति की पूजा से ही नहीं बल्कि लौकिक मंत्रों में भी इस नदी का उल्लेख आता है।