Thetimesofcapital/07/05/2022/ Emergency in sri lanka: श्रीलंका में आपातकाल घोषित करने पर रष्ट्रपति मजबूर
Emergency in sri lanka: श्रीलंका नेपाल में आपातकाल
श्रीलंका नेपाल में आपातकाल जैसे स्थिति निर्मित होती जा रही है आर्थिक स्थिति दिनों दिन बिगडना इस बार का संकेत है नागरीक परेशान हो रहे है सब और आर्थिक तंगी की मार पड रही है।
श्रीलंका के साथ ही नेपाल की भी हालत कुछ ठीक नही है। नेपाल के हालात पर नजर डाले तो नेपाल की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। यह भारत के लिये चुनौती है क्योंकि बढती सार्वजनिक नाराजगी राजनीतिक अस्थिरता को बढावा दे सकती है। इसके लिये कोई समाधान तलाशला बेहद आवश्यक है।
श्रीलंका संकट आपातकाल “Emergency in sri lanka” में श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे सरकार के खिलाफ जनता की नाराजगी प्रतिदिन ज्यादा होती जा रही है।
श्रीलंका की जनता राजपक्षे को विदेशी मुद्रा घाटे उच्च विदेशी ऋण मुद्रा स्फीति और कीमतों में भारी गिरावट आदी के लिये दोषी मानती है। प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के कार्यालय के एक बयान इनकार किया गया है।
श्रीलंका में 22 मिलियन नागरीक है और श्रीलंका देश आर्थिक संकट “#Emergency in #sri #lanka” से बुरी तरह जुझ रहा है। और सरकार इसका रास्ता निकालने में असमर्थ नजर आ रही है। इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि यह मुददा श्रीलंका में नई सरकार को जन्म दे सकता है।
बात करें भारत के पडोसी देश होने की तो भारत अपनी और से 2.5 बिलियन अमरीकी डालर की ममद कर चुका है। श्रीलंका वर्तमान संकट को रोकने के लिए वित्तीय सहायता के लिए आईएमएफ के साथ भी बातचीत कर रहा है।
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