Thetimesofcapital/30/03/2022/ बंगाल रामपुरहाट हिंसा, क्या है भाजपा की रिपोर्ट जाने बंगाल में माफिया, कानून के नाम पर ठेंगा
बंगाल रामपुरहाट हिंसा में भाजपा की रिपोर्ट में बताया गया कि बंगाल में माफिया राज कानून व्यवस्था है। कानून का नामो निशान नही है।
भाजपा अध्यक्ष को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगाल में कानून. व्यवस्था इतनी खराब है कि लोग अपने घर छोड़कर जाने को मजबूर हैं। कानून के नाम पर ठेंगा है
कोलकाता/पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुहाट हिंसा मामले पर भाजपा की केंद्रीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
कमेटी ने पश्चिम बंगाल में माफिया राज बताया है।
सरकार के तंत्र में माफिया घुसे हुए हैं और वहां कानून.व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त है।
ममता बनर्जी ने रिपोर्ट को सीबीआइ जांच में दखल बताया।
पश्चिम बंगाल रामपुरहाट हिंसा फोटो
भाजपा अध्यक्ष को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि #पश्चिम बंगाल में कानून. व्यवस्था इतनी खराब है कि लोग अपने घर छोड़कर जाने को मजबूर हैं।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने कहा कि जब वह बंगाल गए तो राज्य का एक भी पुलिस अधिकारी उन्हें रिसीव करने नहीं आया।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि रामपुरहाट हत्याकांड राज्य प्रायोजित जबरन वसूली, गुंडा टैक्स कटमनी का नतीजा है और इसके अवैध लाभार्थियों के बीच प्रतियोगिता भी है।
ममता का कहना है कि भाजपा रिपोर्ट में अनुब्रत मंडल का नाम प्रतिशोतपूर्ण रवैये को दर्शाता है।
कमेटी ने केंद्र सरकार के हस्तक्षेप करने की अपील है।
कमेटी ने बंगाल में कानून.व्यवस्था के लिए जरूरी कदम उठाने पर जोर दिया है।
क्या था मामला
21 मार्च को रामपुरहाट के बोगटूई गांव में तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता भादू शेख की हत्या के बाद हुई हिंसा में 11 लोगों जिंदा जलाया गया जिसमें से अब तक नौ की मौत हो चुकी है।
जबकि दो जख्मी है। ममता भगवा पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि रिपोर्ट में तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के नाम का उल्लेख है।
जिसे स्पष्ट रूप से भाजपा के प्रतिशोधपूर्ण रवैये को दर्शाता है।
सीएम ममता ने दार्जिलिंग में कहा को बोगटूई हिंसा पर भाजपा की रिपोर्ट जांच को कमजोर करेगी और इससे तफ्तीश में हस्तेक्षप होगा।
कानून के नाम पर ठेंगा
मैं भगवा पार्टी के इस रवैये की निंदा करती हूं।
जांच में किसी भी राजनीतिक दल का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
ममता बनर्जी ने मेरी पार्टी के जिला अध्यक्ष के नाम का उल्लेख किया है। यह पक्षपातपूर्ण और प्रतिशोधी रवैया है।
जांच पूरी हुए बिना वे उनका नाम कैसे ले सकते है यह दर्शाता है कि वे उन्हें गिरफ्तार करना चाहते हैं। व्यक्तिगत प्रतिशोध है और वे साजिश रच रहे हैं।
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