Thetimesofcapital.com12August2021/उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी ;श्रावण शुक्ल पंचमी पर ही दर्शनों के लिए खोला जाता है।
Thetimesofcapital.com 12August2021/नाग पंचमी का त्योहार शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है . नाग पंचमी इस वर्ष 13 अगस्त 2021 को मनेगी इस दिन सर्प की पुजा, अर्जना, की जाती है। सर्प को दुध पिलाया जाता है सर्प भगवान भोले नाथ के गले में माला के रूप में रहते है।
उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी ;श्रावण शुक्ल पंचमीद्ध पर ही दर्शनों के लिए खोला जाता है।
हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान का आभूषण भी माना गया है। भारत में नागों के अनेक मंदिर हैं इन्हीं में से एक मंदिर है उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर का जो की उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है। इसकी खास बात यह है कि यह मंदिर साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी ;श्रावण शुक्ल पंचमीद्ध पर ही दर्शनों के लिए खोला जाता है। ऐसी मान्यता है कि नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में रहते हैं।
नागचंद्रेश्वर मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक अद्भुत प्रतिमा हैए इसमें फन फैलाए नाग के आसन पर शिव.पार्वती बैठे हैं। कहते हैं यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर हैए जिसमें विष्णु भगवान की जगह भगवान भोलेनाथ सर्प शय्या पर विराजमान हैं। मंदिर में स्थापित प्राचीन मूर्ति में शिवजीए गणेशजी और मां पार्वती के साथ दशमुखी सर्प शय्या पर विराजित हैं। शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं।
नाग पंचमी का त्योहार शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है इस दिन नाग देवता को दूध चढ़ाया जाता है सांप भोलेनाथ के प्रिय माने जाते है यह माना जाता है किए सर्पों को अर्पित किया जाने वाला कोई भी पूजन नाग देवताओं के समक्ष पहुँच जाता है इसलिये लोग इस अवसर परए नाग देवताओं के प्रतिनिधि के रूप में जीवित सर्पों की पूजा करते हैं इस दिन रुद्राभिषेक भी किया जाता है ऐसे में आइए जानते हैं किन चीजों का रुद्राभिषेक करने से लाभ मिलता है.
इस दिन क्या किया जाता है ?
नाग पंचमी के दिन कच्चे दूध से अभिषेक किया जाता है दूध- इस दिन भगवान शिव का दूध से रुद्राभिषेक करने से घर में सुख शांति बनी रहती है साथ ही संतान की मनोकामना भी पूरी होती है. भगवान शिव का अभिषेक गाय के दूध से करें
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो इस बार पड़ने वाली नाग पंचमी कई मायनों में खास होगी इस साल नाग पंचमी पर लगभग 108 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए यह दुर्लभ संयोग अति लाभदायक है.इस बार नाग पंचमी पर उत्तरा योग और हस्त नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है ऐसे में इस दिन काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए की जानें वाली पूजा सबसे अधिक प्रभावशाली होती है
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