Thetimesofcapital.com 14August Ratlam/ रतलाम डेस्क भारत देश में एक अनूठी पाठशाला जीवनपथ पाठशाला आरम्भ की गई
हमारे भारत देश में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने के साथ शिक्षा को जन-जन तक पहूचाने के उददेश्य से इस जीवनपथ पाठशाला का आरम्भ किया गया जीसमें प्रतिदिन 2 घंटे, 05 से 15 वर्ष के बच्चों को उच्च शिक्षा का ज्ञान करवाया जावेगा। जीसमें अंग्रेजी भाषा के साथ अन्य विषय भी शामिल है।
रतलाम जिले के सैलाना अंचल सहित देश में आदिवासी समाज व अन्य समाज के बच्चों तक उच्च शिक्षा का प्रसार करना विभिन्न ग्रामों में जनजागृति के लिए जीवनपथ पाठशाला शुरू की गई .
शुरू किये जाने का क्या है उददेश्य?
रतलाम जिले के सैलाना अंचल के विभिन्न ग्रामों में विश्व आदवासी दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ जनजागृति के लिए संगोष्ठियों के आयोजन के साथ ’बाल शिक्षा’ पर विशेष जोर दिया गया, समाज में व्याप्त शराब खोरी, नशा ,अशिक्षा, भांजगढ़ प्रथा आदि कुरीतियों बुराइयों को मिटाने के साथ छोटे बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के लिए “जीवनपथ पाठशाला” नामक पाठशालाओं की शुरआत सरवन के ’लूणीए शिवगढ के सांसर व सैलाना के नया टापरा’ गांवों में की गईए पाठशालाओं के शुभारंभ पर बड़ी संख्या में छोटे बच्चे उपस्थित हुए! ” जीवनपथ पाठशालाओंं में उपस्थित सभी बच्चों को कॉरोना के चलते मास्क वितरित किए.
कितनी पाठशालाए की शुरू?
रतलाम जिले के तह बाजना-सैलाना के ग्राम लूणी से प्रारम्भ
6 दिवस में 14 जीवनपथ पाठशालाए की शुरू
पाठशाला संस्थापक कमलेश्वर डोडियार भील से चर्चा में में बताया कि मेरा उददेश्य गरीब आदिवासी बच्चों सहित गरिब तबके के बच्चों का उच्च शिक्षा का ज्ञान देना है वह भी फ्री प्रतिदिन उन गाव के बच्चों को जहा पर अंग्रेेजी का स्कुल नहीं है जहा तक शिक्षा आज के विज्ञान के दौर में पहुच नहीं पाई है। या युॅ कहे शिक्षा का स्तर निम्न है।
महान योगदान है शिक्षा के क्षेत्र में कढे अनुशासन के साथ भारत देश के प्रत्येक गावों तक पहूच बनायेगी जीवनपथ पाठशाला
जीवनपथ पाठशाला अपने कढे अनुशासन के साथ आगे बढते जाने का उददेश्य लेकर आयी है इसमें सेवा देने वाले वे लोग है जो पढ लिखकर बेरोजगार हेै ओैर गावों में या शहर में उन्हे रोजगार की तलाश है। नियमित 2 घंटे का समय बच्चों को देना अपने आप में एक महान योगदान है शिक्षा के क्षेत्र में
आशीष मकवाना कार्यालय प्रभारी जीवनपथ पाठशाला समिति रतलाम: ग्राम सांसर में पहली “जीवनपथ पाठशाला” शुरू की गई पाठशाला शुभारंभ के अवसर पर सांसर पंचायत के ’सरपंच कमजी मैडा ने बताया कि गांवों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है’ वहीं नयाटापरा के राजेश मेडा ने बताया कि विभिन्न ग्रामों में बड़ी संख्या में पढ़े लिखे बेरोजगार युवक है हो समाज में शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे सकते है.बापूसिंह भगोरा ने भी पाठशाला की शुरुआत के समय कहा कि ग्राम स्तर पर शिक्षा की ये व्यवस्था नियमित रूप से संचालित होना चाहिए.
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