Thetimesofcapital/29/11/2021/ कोरोना का नया वेरियेंट क्या है खास? मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में नवम्बर माह में इस सप्ताह कोरोना संक्रमण के लगभग 100 केस आए हैं, जो चिंता का विषय न भी हों लेकिन हमें सजग रहने का संदेश दे रहे हैं। हम कोरोना के नए वेरिएंट से चिंतित ही नहीं सावधान भी रहें। यही हमारी ड्यूटी है। प्रदेश में अभी स्कूल पचास प्रतिशत विद्यार्थी क्षमता के साथ खुले रहेंगे। अभिभावकों की सहमति से ही विद्यार्थी विद्यालय आएँगे। साथ ही ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प उपलब्ध रहेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवास पर प्रदेश में कोरोना नियंत्रण और वर्तमान स्थिति पर अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कोरोना के नए वेरिएंट से सिर्फ चिंतित नहीं सावधान भी रहें
विद्यालयों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ लगेंगी कक्षाएँ
तीसरी लहर की आशंका को करना है निर्मूल
सभी स्तरों की क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों की बैठकें जल्द होंगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुछ देशों में कोरोना के नए वेरिएंट के आने से उत्पन्न परिस्थितियों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में सभी लोगों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन का दूसरा डोज लगे और मध्यप्रदेश की उपलब्धि शत-प्रतिशत हो जाए, इसके पूरे प्रयास करना हैं। मास्क का उपयोग अनिवार्य है, नागरिक इसका उपयोग करें। जिला और ब्लाक स्तर के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठकें बुलाने के निर्देश दिए, सावधानियाँ न हटे।
शीघ्र होंगी जिला और ब्लॉक स्तर के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठकें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि अभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक नहीं होगी, लेकिन संक्रमण रोकने के सभी नियमों और सावधानियों का पालन किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान एक दिसंबर को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से चर्चा करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रमुख निर्देश
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विदेशों में कोरोना के नए वेरिएंट के फैलने की सूचना है। अभी तक भारत में नए वेरिएंट की उपस्थिति की कोई सूचना नहीं है, लेकिन सावधानियाँ अत्यंत जरूरी है। इसलिए आज ही हमने बैठक करके कुछ फैसले किए हैं। विदेश से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जाएगी। जो लोग अन्य देशों की उड़ानों से आए हैं, उनका टेस्ट करवाने के साथ ही आवश्यक हुआ तो आइसोलेशन में रखा जायेगा। दूसरे देशों से मध्यप्रदेश में आने वाले यात्रियों के संबंध में भारत सरकार के सर्विलांस में नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। एक महीने में जितने भी लोग अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों से यहाँ आए हैं, उनकी कोरोना की जाँच करना है और अगर कोई कोरोना संदिग्ध पाया जाता है तो उसे आइसोलेशन में रखा जाए।
कोरोना का नया वेरियेंट क्या है खास? प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग के सैम्पलों की भी संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे अगर कहीं कोरोना संक्रमण की कोई स्थिति बने तो जानकारी का अभाव न रहे। जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है। कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। जितनी आवश्यक दवाइयाँ हैं, उनकी उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए। चाहे वह रेमडेसिविर इंजेक्शन हो या अन्य दूसरी दवाइयाँ हों। प्रतिदिन हो रहे टेस्ट की संख्या भी बढ़ाई जाए। वर्तमान में 58 से 60 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं, उसकी संख्या और बढ़ाए। यह प्रयास हो कि प्रतिदिन कम से कम 70 हजार टेस्ट अवश्य हों। भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ के निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाए।
18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सबसे ज्यादा सावधानी की जरूरत है क्योंकि उनका टीकाकरण नहीं हुआ है। इसलिए तय किया गया है कि तत्काल प्रभाव मतलब सोमवार से स्कूल खुलेंगे, लेकिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 50 प्रतिशत होगी। स्कूलों में 50 प्रतिशत बच्चे एक दिन आएँगे और शेष 50 प्रतिशत बच्चे दूसरे दिन आएँगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की सेकेण्ड डोज लगभग 62.5 प्रतिशत लोगों को लग चुकी है। टीके प्रतिदिन लग रहे हैं। एक दिसंबर को टीकाकरण का महाअभियान है। सभी से मैं अपील करता हूँ कि पूरी ताकत के साथ जुटकर शेष बचे लोगों को कोरोना की सेकण्ड डोज या फर्स्ट डोज लगाकर टीकाकरण पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 29 नवंबर को हो रही कलेक्टर-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस में नए वेरिएंट को देखते हुए सभी आवश्यक निर्देश दिए जाएँगे। प्रदेश पूरी तरह से एलर्ट पर रहेगा। एक दिसंबर की प्रात: क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों से चर्चा होगी।
कोरोना का नया वेरियेंट क्या है खास? प्रत्येक स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों को हम तैयार रखेंगे कि अगर तीसरी लहर आती है तो उससे लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार रहें। तीसरी लहर की आशंका को निर्मूल करना है। समाज के सहयोग के बिना लड़ाई जीतना कठिन होता है। पहले भी हमने समाज के सहयोग से ही लड़ाई जीती है। सबसे जरूरी है फेस मॉस्क लगाना और परस्पर दूरी बनाना।
जो पॉजीटिव पाए गए हैं उनका पूरा ध्यान रखा जाए, उन्हें आइसोलेशन में रखा जाए, अस्पताल जाने की व्यवस्था आदि की जाए। अफ्रीका और दुनिया के कई देशों में नया कोरोना वेरिएंट जो ज्यादा तेजी से फैलता है, पाया गया है। इसलिए सावधानी आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं प्रदेशवासियों से अपील करता हूँ कि बिल्कुल भी असावधान न रहे, संक्रमण फैलने से रोकने के जो आवश्यक नियम हैं, उन सबका पालन करें। सरकार आपके साथ मिलकर कोई कसर नहीं छोड़ेगी। हमारी कोशिश रहेगी कि तीसरी लहर न आ पाए।
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