thetimesofcapital.com/23August2021/महाराष्ट्र में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने वाले व दही हांडी का कार्यक्रम करने वालो को एक जोर का झटका लगा जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दही हांडी कार्यक्रम नही करने की बात कही, और कहा की स्वास्थ्य पर ध्यान दो जो कि जरूरी है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दहीहांडी त्योहार के आयोजकों से सोमवार को कहा कि राज्य को कुछ समय के लिए त्योहारों को किनारे रखकर कोरोना वायरस संक्रमण को पूरी तरह समाप्त कर उदाहरण पेश करना चाहिए। आयोजकों की वर्चुअल बैठक में उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
जन्माष्टमी के त्योहार पर दहीहांडी उत्सव का आयोजन होता है। माखन.मिश्री से भरी हांडी को ऊंचाई पर टांगा जाता है और युवा मानव पिरामिड बनाकर उसे तोड़ते हैं। महाराष्ट्र में इस उत्सव को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है और विभिन्न राजनीतिक दल दहीहांडी उत्सव का आयोजन करते हैं और गोविंदा ;हांडी तोड़ने वालेद्ध के लिए इनाम की घोषणा करते हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसारए दहीहांडी के आयोजक भी ठाकरे की अपील के पक्ष में हैं और वे जन्माष्टमी के अवसर पर स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों के आयोजन के पक्ष में हैं। लेकिनए भारतीय जनता पार्टी ने कुछ शर्तों के साथ पारंपरिक तरीके से दहीहांडी उत्सव के आयोजन को अनुमति देने की मांग की है।
भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा जिन्होंने कोविड टीके की दोनों खुराक लगवाई है उन्हें कम ऊंचाई पर बिना भीड़.भाड़ के पारंपरिक तरीके से दहीहांडी के आयोजन की अनुमति दी जाए। उत्सव पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। बैठक में ठाकरे ने कहा कि कोविड महामारी ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर तमाम पाबंदियां लगा दी हैं।
उन्होंने कहा यह पाबंदियां लोगों के कल्याण के लिए हैं। सिर्फ कुछ ही लोग इन पाबंदियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्हें कोरोना वायरस के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए सरकार के खिलाफ नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया महामारी के बोझ तले दबी हुई है जिसने कई परिवार बिखेर दिए और कई बच्चों को अनाथ बना दिया।